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Viagrocura – वायग्रो क्यूरा | Herbal Viagra – हर्बल वियाग्रा

आयुर्वेदिक मिश्रण  – पुरुषों के सामान्य स्वास्थ्य और यौन समस्या में अत्यंत लभकारी

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प्रस्तावना – वायग्रो क्यूरा

आयुर्वेद में धातु निर्माण पोषण कर्म को बताया गया है। इसके अनुसार हमारे शरीर में रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और
शुक्र इन सात धातुओं का वर्णन किया गया है।

महर्षि चरक जी के अनुसार अन्न से रस, रस से रक्त, रक्त से मांस, मांस से मेद, मेद से अस्थि, अस्थि से मज्जा और मज्जा से शुक्र
का निर्माण होता है। शुक्र धातु हमारे शरीर की सातवीं धातु है तथा शुक्र धातु को सभी धातुओं का सार माना गया है। शुक्र
धातु मनुष्य के समस्त शरीर में व्याप्त रहती है। यद्यपि बाल्यावस्था में भी शुक्र समस्त शरीर में उपस्थित रहती है परंतु उसका
कार्य दृष्टिगोचर नहीं होता है। शुक्र धातु का निर्माण व्यक्ति के खानपान तथा उससे निकले अन्न रस पर निर्भर करता है यदि
अन्न रस ठीक प्रकार से बनता है तो सभी धातुओं का निर्माण भी ठीक प्रकार से होता है।

वर्तमान समय में अस्त व्यस्त दिनचर्या, खराब खानपान और अत्यधिक तनाव के कारण अधिकतर पुरुषों में शुक्र धातु से
संबंधित बहुत सी समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं और आज अनेक लोग शुक्राणु विकार से पीड़ित होकर निःसंतान रह जाते हैं
और इसका इलाज कराने के लिए ढेर सारे पैसे खर्च कर देते हैं और इसके बाद भी उनके परिवार टूटने की कगार पर पहुंच
जाते हैं आप कल्पामृत वायग्रो क्यूरा के सेवन से सभी शुक्राणु विकारों को ठीक करके उन परिवारों को बचा सकते हैं।

कल्पामृत वायग्रो क्यूरा में स्वर्ण भस्म, सिदूध मकरध्वज, अकरकरा, जाबित्री, शुदूध शिल्लाजीत, तुलसी बीज, सफेद मूसली,
शतावर, अश्वगंधा, गोखरू, कौंच बीज, पुत्रजीवक, सालम मिश्री इत्यादि अनेक शक्तिशाली औषधियों का प्रयोग किया गया है
जो शरीर की समस्त धातुओं को पोषण देते हुए शुक्र धातु को विशेष रूप से पोषित करती हैं।

कल्पामृत वायग्रो क्यूरा पुरुषों में पाई जाने वाली शुक्राणुओं की कमी, शीघ्रपतन, टेस्टोस्टेरोन की कमी, स्पर्म की खराब
क्वालिटी, कामोत्तेजना की कमी, नसों में शिथिलता इत्यादि कमियों को दूर कर स्वस्थ जीवन प्रदान करती है। इसका 40 दिन
का कोर्स करने के बाद आप वर्षों तक सामान्य जीवन जी सकते हैं। इस दवा का मुख्य उद्देश्य टूटते हुए परिवारों को बचाना
और इन कंमियों के कारण अवसाद ग्रस्त मानव को बचाना और स्वस्थ एवं सखी जीवन प्रदान करना है।

इसी कारण वायग्रो क्यूरा को हर्बल वियाग्रा या आयुर्वेदिक वियाग्रा कहा जाता है

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वायग्रो क्यूरा में प्रयुक्त सामग्री:

स्वर्ण भस्म:

स्वर्ण भस्म (जलाया हुआ सोना) एक पारंपरिक आयुर्वेदिक दवा है जिसमें नैनो और कोलाइडल
सोने के कण होते हैं। इसका उपयोग भारत में सदियों से संधिशोथ, मधुमेह और तंत्रिका तंत्र से संबंधित बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है।

इसे आयुर्वेद में सबसे महंगी दवाओं में से एक माना जाता है। आयुर्वेद में सोने को कई चिकित्सीय मूल्य प्रदान करने के लिए देखा गया है जैसे कि कायाकल्प, कामोद्दीपन और लम्बी आयु आदि के लिए।

स्वर्ण भस्म का कामोत्तेजक गुण सहनशक्ति, शक्ति, कम शुक्राणुओं की संख्या में सुधार करने और वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करने में मदद करता है। इसके अन्य गुण अस्थमा, गठिया, मधुमेह और तंत्रिका तंत्र के रोगों सहित विभिन्न बीमारियों के इलाज में सहायता प्रदान करते हैं। इसे एक बेहतरीन कार्डियक टॉनिक भी माना जाता है। यह सामान्य कमजोरी, निम्न रक्तचाप और हृदय की कम पंपिंग क्षमता में भी उपयोगी है।

सिद्ध मकरध्वज 

मकरध्वज एक आयुर्वेदिक औषधि है। यह औषधि वात-पित्त-कफ त्रिदोष से उत्पन्न सभी प्रकार के रोगों का नाश करती है। इसका मुख्य उपयोग पौरुष शक्ति बढ़ाने तथा मैथुन सम्बन्धी विभिन्न रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। यौन शक्ति बढ़ाने के साथ अन्य कई समस्याओं जैसे अधिक मैथुन या अप्राकृतिक मैथुन के कारण लिंग के ढीलेपन, शीघ्रपतन, वीर्य का पतलापन आदि विकारों में भी मकरध्वज का उपयोग होता है। यह स्तम्भन शक्ति को बढ़ाता है तथा नपुंसकता का नाश करता है।

अकरकरा

अपने कामोत्तेजक गुण के कारण टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बनाए रखते हुए यौन इच्छा के साथ-साथ पुरुषों के यौन प्रदर्शन में सुधार करता है।

सफ़ेद मुसली

यह पुरुषों के लिए शीघ्रपतन, इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसी यौन समस्याओं को दूर करने के लिए उपयोगी है। यह इसके वाजीकरण (कामोद्दीपक) गुणों के कारण है जो शुक्राणुओं की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करने में मदद करता है। इस प्रकार यह यौन शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाने में मदद करता है।

 

शतावरी

यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार करता है। यह मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा हो सकता है क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को प्रबंधित करने में मदद करता है। शतावरी अपने एंटी ऑक्सीडेंट गुणों के कारण बौद्धिक विकास को भी बढ़ावा दे सकती है।

 

अश्वगंधा

शोध के त्रिष्कर्ष बताते हैं कि अश्वगंधा पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को बढ़ाने में विशेष रूप से सहायक है। कहा जाता. कि इस छोटे से पौधे की जड़ का घनसत्व टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है, पुरुष प्रजनन क्षमता में सुधार करता है और कामोत्तेजक के रूप में कार्य करता है।

तुलसी बीज

तुलसी का बीज कामुक इच्छा की शक्तिशाली औषधि है। यह कामुक आनंद के लिए. आत्मसमर्पण करने की इच्छा को उत्तेजित करता है। इसका उपयोग विशेष रूप से पुरुषों में सेक्स प्रवृत्ति को जगाने के लिए किया जाता है। यह शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार करता है, और इसलिए पुरुष प्रजनन क्षमता को बढ़ावा देता है।

गोखरू

यह ऊर्जा और जीवन शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है और शिश् के ऊतकों को भी मजबूत करता है जो अपने गुरु (भारी) और वृष्य (कामोद्दीपक) गुणों के कारण शिश्र के निर्माण को बढ़ाता है। साथ में, यह स्तंभन दोष के लक्षणों को सुधारने में मदद करता है।

 

शुद्ध कौंच बीज

यह कामोत्तेजक के रूप में काम करता है और यौन इच्छा को बढ़ाने में मदद
करता है। यह शुक्राणुओं की संख्या और गतिशीलता में सुधार करने में मदद करता है। यह वीर्य के उत्पादन और मात्रा को बढ़ाने में भी मदद करता है। इसके अलावा, कौंच बीज शारीरिक तनाव को कम करने और वीर्य की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।

शिलाजीत

जैसाकि इसके नाम से ही ज्ञात होता है कि शिलाजीत शिला अर्थात पत्थर को जीतने वाला, शिलाजीत के सेवन से शरीर पत्थर की तरह मजबूत हो जाता है। पुरुषों के लिए शिलाजीत का एक और लाभ यह है कि यह आपके शरीर को शांत करता है। इसमें प्राकृतिक खनिज और विटामिन होते हैं, जो आपकी मांसपेशियों को आराम देने, तनाव के स्तर को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं और शरीर की समस्त धातुओं की गुणवत्ता में सुधार करते हैं।

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जायफल

2005 में प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन से पता चला है कि जायफल्नर चूहों में कामेच्छा बढ़ा सकता है। इसने पुरुषों में स्तंभन दोष और शीघ्रपतन जैसे यौन विकारों के लिए.एक शक्तिशाली, प्राकृतिक उपचार के रूप में जायफल के पारंपरिक उपयोग किया जाता है।

 

तालमखाना

यह आयुर्वेदिक दवा में एक और प्राकृतिक जड़ी बूटी है जो जननांग क्षेत्र में रक्त परिसंचरण में. मदद करती है, यह शीघ्रपतन को रोकता है और वीर्य की बेहतर गुणवत्ता का उत्पादन करने में मदद करता है।

 

पुत्र जीवक

यह यौन आग्रह और प्रदर्शन को बढ़ाने में मदद्‌ करता है। यह एक ही उद्देश्य के लिए उपलब्ध
रासायनिक और कृत्रिम विकल्पों की तुलना में अधिक सुरक्षित है।

सालम मिश्री – आयुर्वेद के अनुसार, यह पुरुष बांझपन को दूर करने के लिए सबसे अच्छी जड़ी -बूटियों में से

एक है। यह रक्त में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है और शुक्राणुओं की गुणवत्ता और गतिशीलता में सुधार करता
है। यह यौन शक्ति को भी बढ़ाता है और स्तंभन दोष को ठीक करता है।

 

दालचीनी

दालचीनी रक्त प्रवाह को बढ़ाती है और शरीर का तापमान बढ़ाती है। यह एक शक्तिशाली
यौन उत्तेजक के रूप में कार्य करता है।

 

लौंग

लौंग शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में मदद करती है। इस प्रकार, व्यक्ति वांछित निर्माण और यन सुख प्राप्त कर सकता है। यह पुरुषों में कामेच्छा को बढ़ाता है।

 

जावित्री

यह एक कामोत्तेजक के रूप में काम करता है और आपके यौन जीवन को महत्वपूर्ण रूप से मसाला देने में मदद करता है। यह सेरोटोनिन के प्रभाव का अनुकरण करता है। जावित्री का अजीबोगरीब मसालेदार स्वाद उत्तेजना पैदा कर सकता है और कामोत्तेजक मसाले की तेज मोहक सुगंध आपके शरीर को एक शांत आराम प्रभाव देती है |

 

कलोंजी

यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाता है, एक पुरुष सेक्स हार्मोन, जो वास्तव में बांझपन से निपटने में मदद करता है। टेस्टोस्टेरोन प्रजनन ऊतकों, मांसपेशियों और हड्डियों के घनत्व और शरीर के बालों को बढ़ाकर यौन और प्रजनन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायता करता है।

 

समुद्र शोष –

यह स्वभाव से शुष्क और स्वाद में कसैला, शक्ति में ठंठा और शरीर से कफ दोष को बाहर
निकालने के लिए स्क्रैपिंग एजेंट के रूप में प्रयोग किया जाता है।

वाययग्रोक्यूरा – सेवन विधि

वाययग्रोक्यूरा टेबलेट + कैप्सूल 

  • एक वाययग्रोक्यूरा टेबलेट सुबह सायं भोजन से एक घंटा पहले या एक घंटा बाद पान के पत्ते में या बिना चूने और कत्थे के पान में रखकर चबाकर खाएं.
  • और ऊपर से गुनगुने दूध का सेवन करें और इसी दूध के साथ सुबह शाम एक एक वायग्रोक्यूरा कैप्सूल का सेवन करें।
  • रात्रि में कैप्सूल का सेवन सोने से कम से क्रेम एक घंटा पहले करना है।

(नोट: पान का पत्ता उपलब्ध ना होने की अवस्था में टेबलेट को चबाकर ऊपर से दूध का सेवन कर सकते हैं।)

वायग्रोक्यूरा तेल

एक से दो बूंद वायग्रोक्यूरा तेल लेकर लिंग पर हल्के हल्के मालिश करें।

परहेजः
1. इमली की खटाई का सेवन ना करें,
2. दवाई का कोर्स पूरा होने तक स्त्रीसंसर्ग ना करें।

पुरुष यौन विकारों के लिए सुझाई गई आहार योजना – वायग्रो क्यूरा में फायदेमंद

सुबह – सुबह दांतों को ब्रश करने से पहले खाली पेट एक गिलास गुनगुना पानी।
नाश्ता (सुबह 08:30): कल्पामृत हर्बल चाय एक कप, पोहा, उपमा, इडली, फलों का सलाद
(नारंगी, अंगूर फल, अमरूद, केला, सेब, तरबूज)।

दोपहर का भोजन (12:30- 01:30 अपराह):चावल – 1 और 1/2 कप +
चपाती – 2 नग । कप – दाल (उरद, मूंग, अरहर, चना।) । और 1/2- कप सब्जी (हरी पत्तेदार,
टमाटर, बीन्स) , सलाद – 1 सर्विग।

 

मध्य संध्या (3:30 अपराह्ृ): कल्पामृत हर्बल चाय – 1 कप, सब्जी का सूप, फलो
का सलाद, काजू, सूखे मेवे आदि।

रात का खाना (रात 8:00 बजे) चपाती – 2 नग, दाल- 1 कप, 1 और 1/2 कप- हरी पत्तीदार सब्जी |

सोने का समय (रात 10:00 बजे) 1 कप दूध कल्पामृत च्यवनप्राश + अश्वगंधा

के साथ।

इसके अलावा:-

ओलिगोस्पर्मिया । एज़ोस्पर्मिया रोगियों द्वारा लिया जाने वाला भोजन:

  • डार्क चॉकलेट,
  • अखरोट,
  • करंट,
  • काजू,
  • सूखे मेवे,
  • पालक,
  • गेहूं,
  • तरबूज के बीज,
  • कद्दू,
  • बादाम,
  • तम्मखाना,
  • मुनक्का आदि…..

 

ओलिगोस्पर्मिया । एज़ोस्पर्मिया से बचने वाले खाद्य पदार्थ:

  • तैलीय,
  • मसालेदार,
  • दही,
  • छोले,
  • राजमा,
  • जंकफूड,
  • कोल्ड ड्रिंक आदि।

नियमित रूप से करें: छोटा भोजन लें। खाना ठीक से चबाएं। भोजन धीरे-धीरे लें। खाना
खाने के बाद 2-3 मिनट टहलें।

 

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